अनुभव ने ये 10 बातें सिखाई हैं।
(1) आजकल लोग समझते 'कम' और समझाते 'ज्यादा' है तभी तो मामले सुलझते 'कम' उलझते 'ज्यादा' हैं।
(2) ज़ुबान की हिफाज़त दौलत से ज्यादा मुश्किल है।
(3) गरीबों का मज़ाक मत उड़ाओ क्योंकि गरीब होने में वक्त नहीं लगता।
(4) अगर इबादत नहीं कर सकते तो गुनाह भी मत करो।
(5) दुनिया ये नहीं देखती कि तुम पहले क्या थे बल्कि ये देखती है कि तुम अब क्या हो !
(6) जहाँ अपनी बात की कदर ना हो वहाँ चुप रहना ही बेहतर है।
(7) धनवान वह नहीं, जिसकी तिजोरी नोटों से भरी हो धनवान तो वो हैं जिसकी तिजोरी रिश्तों से
भरी हो।
(8) लोगों से मिलते समय इतना मत झुको कि उठते वक्त सहारा लेना पड़े।
(9) शिकायतें तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी पर चुप इसलिये हूँ कि जो दिया तूने वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता।
(10) न सफारी में नज़र आई और न ही फरारी में नज़र आई, जो खुशिया बचपन में दोस्तों के साथ साईकिल की सवारी में नज़र आई।
(1) आजकल लोग समझते 'कम' और समझाते 'ज्यादा' है तभी तो मामले सुलझते 'कम' उलझते 'ज्यादा' हैं।
(2) ज़ुबान की हिफाज़त दौलत से ज्यादा मुश्किल है।
(3) गरीबों का मज़ाक मत उड़ाओ क्योंकि गरीब होने में वक्त नहीं लगता।
(4) अगर इबादत नहीं कर सकते तो गुनाह भी मत करो।
(5) दुनिया ये नहीं देखती कि तुम पहले क्या थे बल्कि ये देखती है कि तुम अब क्या हो !
(6) जहाँ अपनी बात की कदर ना हो वहाँ चुप रहना ही बेहतर है।
(7) धनवान वह नहीं, जिसकी तिजोरी नोटों से भरी हो धनवान तो वो हैं जिसकी तिजोरी रिश्तों से
भरी हो।
(8) लोगों से मिलते समय इतना मत झुको कि उठते वक्त सहारा लेना पड़े।
(9) शिकायतें तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी पर चुप इसलिये हूँ कि जो दिया तूने वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता।
(10) न सफारी में नज़र आई और न ही फरारी में नज़र आई, जो खुशिया बचपन में दोस्तों के साथ साईकिल की सवारी में नज़र आई।