खिलजी वंश
जलालुदीन खिलजी (1290 - 1296 )
** खिलजी वंश का प्रथम शासक
** हिन्दुओ के प्रति उदार व्यवहार
** सुल्तान के भतीजे ने ही धोखे से मार दिया
अलाउद्दीन खिलजी (1296 - 1316 )
**पिता की मृत्यु के बाद चाचा जलालुदीन खिलजी ने पाला...परन्तु धोखे से उन्हें ही मार दिया सत्ता के लिए
** सीरी को अपनी राजधानी बनाया
** खलीफा के अधिकार को मानने से इंकार किया
** नया धर्म चलाना चाहते थे लेकिन लोगो ने मन किया
** अपने चाचा जलालुद्दीन खिलजी की पुत्री से शादी करी
** जलालुदीन ने इसे अमीर - ऐ - तुजक का पद प्रदान किया
** दिल्ली सल्तनत का प्रथम शाषक जिसने दक्षिण भारत में विजय प्राप्त करी ,,इसका नेतृत्व सेनापति मालिक काफूर ने किया
** क़ुतुब मीनार के पास दुगुनी ऊँचाई की ईमारत बनाने का प्रयास किया...परन्तु सफल नही हुआ
** अलाई दरवाजा , हौज खास , सीरी फोर्ट, जमात खाना मस्जिद का निर्माण करवाया
** इन्होने सिकंदर - ऐ - सनी का ख़िताब हासिल किया
** इन्हें द्वितीय सिकंदर भी कहा जाता है
** इन्होने विशालतम स्थायी सेना बनायीं
** सैनिको को नगद वेतन देना शुरू किया
** शराब और अन्य मादक पदार्थो पर प्रतिबन्ध लगाया
** भूमि की उत्पादकता के आधार पर कर लगाया...और भूमि को बिस्वा में मापने की शुरुवात करी
** गृहकर ( घारी ) और चाराकर ( चरी ) को लागु किया
** चार अलग अलग तरह के बाज़ार बनवाए...खाद्यान बाज़ार, निर्मित वस्तु बाज़ार, सामान्य और दैनिक वास्तु बाज़ार, पशु एवं गुलाम बाज़ार...इन बाज़ार परदीवान - ऐ - रियासत नियंत्रण रखती थी
** दरबार में अमीर खुसरो और दहलवी जैसे कवी थे
** अमीर खुसरो ने सितार का आविष्कार किया वे फारसी और हिंदी के लेखक और इतिहासकार भी थे
** अमीर खुसरो को तोता - ऐ - हिन्द भी कहा जाता है
**चित्तौड़ पर विजय के बाद उसका नाम खिज्राबादरखा
जलालुदीन खिलजी (1290 - 1296 )
** खिलजी वंश का प्रथम शासक
** हिन्दुओ के प्रति उदार व्यवहार
** सुल्तान के भतीजे ने ही धोखे से मार दिया
अलाउद्दीन खिलजी (1296 - 1316 )
**पिता की मृत्यु के बाद चाचा जलालुदीन खिलजी ने पाला...परन्तु धोखे से उन्हें ही मार दिया सत्ता के लिए
** सीरी को अपनी राजधानी बनाया
** खलीफा के अधिकार को मानने से इंकार किया
** नया धर्म चलाना चाहते थे लेकिन लोगो ने मन किया
** अपने चाचा जलालुद्दीन खिलजी की पुत्री से शादी करी
** जलालुदीन ने इसे अमीर - ऐ - तुजक का पद प्रदान किया
** दिल्ली सल्तनत का प्रथम शाषक जिसने दक्षिण भारत में विजय प्राप्त करी ,,इसका नेतृत्व सेनापति मालिक काफूर ने किया
** क़ुतुब मीनार के पास दुगुनी ऊँचाई की ईमारत बनाने का प्रयास किया...परन्तु सफल नही हुआ
** अलाई दरवाजा , हौज खास , सीरी फोर्ट, जमात खाना मस्जिद का निर्माण करवाया
** इन्होने सिकंदर - ऐ - सनी का ख़िताब हासिल किया
** इन्हें द्वितीय सिकंदर भी कहा जाता है
** इन्होने विशालतम स्थायी सेना बनायीं
** सैनिको को नगद वेतन देना शुरू किया
** शराब और अन्य मादक पदार्थो पर प्रतिबन्ध लगाया
** भूमि की उत्पादकता के आधार पर कर लगाया...और भूमि को बिस्वा में मापने की शुरुवात करी
** गृहकर ( घारी ) और चाराकर ( चरी ) को लागु किया
** चार अलग अलग तरह के बाज़ार बनवाए...खाद्यान बाज़ार, निर्मित वस्तु बाज़ार, सामान्य और दैनिक वास्तु बाज़ार, पशु एवं गुलाम बाज़ार...इन बाज़ार परदीवान - ऐ - रियासत नियंत्रण रखती थी
** दरबार में अमीर खुसरो और दहलवी जैसे कवी थे
** अमीर खुसरो ने सितार का आविष्कार किया वे फारसी और हिंदी के लेखक और इतिहासकार भी थे
** अमीर खुसरो को तोता - ऐ - हिन्द भी कहा जाता है
**चित्तौड़ पर विजय के बाद उसका नाम खिज्राबादरखा