राज्यपाल की शक्तिया और कार्य:
राज्यपाल या गवर्नर (अंग्रेज़ी: governor) शासन करने वाले ऐसे व्यक्ति को कहते हैं जो किसी देश के शासक के अधीन हो और उस देश के किसी भाग पर शासन कर रहा हो। संघीय देशों में संघ के राज्यों पर शासन कने वाले व्यक्तियों को अक्सर राज्यपाल का ख़िताब दिया जाता है।
राज्यपाल की शक्तियों और कार्यों को व्यापक रूप से दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है:
राज्य के संवैधानिक प्रमुख के रूप में शक्तियाँ और कार्य
केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में शक्तियाँ और कार्य
(1) कार्यपालिका शक्तियाँ (Executive Powers):
अनुच्छेद 166 से पता चलता है कि राज्य में कार्यपालिका से सम्बंधित सभी कार्य उस राज्य के राज्यपाल के नाम से ही किये जाते हैं। अनुच्छेद 164 के अनुसार राज्यपाल न केवल मुख्यमंत्री की नियुक्ति करता है बल्कि उसकी सलाह पर राज्य की मंत्रिपरिषद के अन्य मंत्रियों की भी नियुक्ति करता है।
(2) विधायी शक्तियाँ (Legislative Powers):
चूँकि राज्यपाल, राज्य के विधानमंडल का अभिन्न अंग होता है इसलिए उसके पास कुछ विधायी शक्तियाँ भी होती हैं। राज्यपाल को राज्य के विधानमंडल के सत्र को बुलाने और समाप्त करने का अधिकार होता है। वह राज्य के मंत्रिपरिषद की सलाह पर राज्य विधान सभा को भंग कर सकता है।