भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पदों की तुलना
1. निर्वाचन :-
a) राष्ट्रपति का निर्वाचन-
- एक निर्वाचकमंडल(electoral college) द्वारा होता है,
- इसमें संसद और राज्य के विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं.
b) उपराष्ट्रपति का निर्वाचन-
- संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचकमंडल द्वारा
(दोनों का निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल हस्तांतरीय मत द्वारा)
2. निर्वाचन के लिये अहर्ताएं :-
- दोनों को भारत का नागरिक होना चाहिये,
- 35वर्ष की आयु पुरी कर होना चाहिये,
- राज्य के अधीन किसी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिये(राष्ट्रपति,उपराष्ट्रपति,राज्यपाल,मंत्री,इसके अपवाद हैं)
- केवल एक अंतर पाया जाता है,वह है
राष्ट्रपति को लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने के योग्य होना चाहिये,जबकि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा का.
3. पदावधि :-
-पद ग्रहण तारीख से 5 वर्ष
4. 5 वर्ष से पहले निम्न तरीकों से हटाया जा सकता है/हट सकते हैं
- राष्ट्रपति,उपराष्ट्रपति को त्यागपत्र देकर और उपराष्ट्रपति,राष्ट्रपति को त्यागपत्र देकर
- राष्ट्रपति को महाभियोग की पक्रिया द्वारा और उपराष्ट्रपति को राज्य सभा के सदस्यों के बहुमत के ऐसे संकल्प द्वारा अपने पद से हटाया जा सकेगा जिससे लोकसभा सहमत हो.
(दोनों चाहे जितनी बार निर्वाचित हो सकते हैं)
5. कृत्य :-
- राष्ट्रपति में संघ की कार्यपालिका शक्ति निहित है और वह उसका उपयोग संघ की मंत्रीपरिषद के सलाह से करता है,
- उपराष्ट्रपति के रुप में उपराष्ट्रपति को कोई कृत्य नहीं है,यह राष्ट्रपति की अनुपस्तिथि में इनका कृत्य करता है.ईस अवधि को छोड़कर वह राज्यसभा का पदेन सभापति होता है.
1. निर्वाचन :-
a) राष्ट्रपति का निर्वाचन-
- एक निर्वाचकमंडल(electoral college) द्वारा होता है,
- इसमें संसद और राज्य के विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं.
b) उपराष्ट्रपति का निर्वाचन-
- संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचकमंडल द्वारा
(दोनों का निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल हस्तांतरीय मत द्वारा)
2. निर्वाचन के लिये अहर्ताएं :-
- दोनों को भारत का नागरिक होना चाहिये,
- 35वर्ष की आयु पुरी कर होना चाहिये,
- राज्य के अधीन किसी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिये(राष्ट्रपति,उपराष्ट्रपति,राज्यपाल,मंत्री,इसके अपवाद हैं)
- केवल एक अंतर पाया जाता है,वह है
राष्ट्रपति को लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने के योग्य होना चाहिये,जबकि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा का.
3. पदावधि :-
-पद ग्रहण तारीख से 5 वर्ष
4. 5 वर्ष से पहले निम्न तरीकों से हटाया जा सकता है/हट सकते हैं
- राष्ट्रपति,उपराष्ट्रपति को त्यागपत्र देकर और उपराष्ट्रपति,राष्ट्रपति को त्यागपत्र देकर
- राष्ट्रपति को महाभियोग की पक्रिया द्वारा और उपराष्ट्रपति को राज्य सभा के सदस्यों के बहुमत के ऐसे संकल्प द्वारा अपने पद से हटाया जा सकेगा जिससे लोकसभा सहमत हो.
(दोनों चाहे जितनी बार निर्वाचित हो सकते हैं)
5. कृत्य :-
- राष्ट्रपति में संघ की कार्यपालिका शक्ति निहित है और वह उसका उपयोग संघ की मंत्रीपरिषद के सलाह से करता है,
- उपराष्ट्रपति के रुप में उपराष्ट्रपति को कोई कृत्य नहीं है,यह राष्ट्रपति की अनुपस्तिथि में इनका कृत्य करता है.ईस अवधि को छोड़कर वह राज्यसभा का पदेन सभापति होता है.