एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेण्ट बैंक (Asian Infrastructure Investment Bank – AIIB)
एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेण्ट बैंक की स्थापना की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए 29 जून 2015 को भारत समेत इस बैंक के 50 संस्थापक सदस्यों (founding members) ने बैंक की शर्तों तथा नियमों पर अपनी सहमति जताते हुए हस्ताक्षर कर दिए। भारत की इस बैंक में कितने प्रतिशत हिस्सेदारी तय की गई है? – 8.52%
विस्तार: एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेण्ट बैंक (AIIB) का यह हस्ताक्षर समारोह चीन की राजधानी बीजिंग (Beijing) के ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल (Great Hall of People) में आयोजित किया गया। इसमें भारत तथा चीन समेत कुल 50 संस्थापक सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर किए। इस बैंक का मुख्य उद्देश्य बिना किसी भेदभाव तथा राजनीतिक मतभेद के सदस्य देशों को उनकी आवश्यकतानुसार ऋण उपलब्ध कराना होगा। इसका मुख्यालय बीजिंग में ही होगा। भारत की एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेण्ट बैंक में 8.52% की हिस्सेदारी होगी जबकि उसका मताधिकार (voting rights) 7.5% तय किया गया है। खास बात यह है कि मताधिकार को तय करने में देश की बैंक में लगी पूँजी (capital) के बजाय देश के आकार को आधार बनाया गया है, जिससे परस्पर भेदभाव न हो। चीन की इस बैंक में 30.34% की सर्वाधिक हिस्सेदारी तय की गई है तथा 26.06% मताधिकार के साथ उसे वीटो शक्ति भी प्रदान की गई है। चीन के बाद भारत ही AIIB में सबसे बड़ा हिस्सेदार देश है। इस बैंक में शामिल अन्य प्रमुख देश हैं – ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ब्राज़ील, कम्बोडिया, फिनलैण्ड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जॉर्डन, नेपाल, नीदरलैण्ड्स, न्यूज़ीलैण्ड, नॉर्वे, पाकिस्तान, पुर्तगाल, कोरिया, रूस, सऊदी अरब, सिंगापुर, स्पेन, श्रीलंका, स्वीडन, स्विट्ज़रलैण्ड और ब्रिटेन।
विस्तार: एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेण्ट बैंक (AIIB) का यह हस्ताक्षर समारोह चीन की राजधानी बीजिंग (Beijing) के ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल (Great Hall of People) में आयोजित किया गया। इसमें भारत तथा चीन समेत कुल 50 संस्थापक सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर किए। इस बैंक का मुख्य उद्देश्य बिना किसी भेदभाव तथा राजनीतिक मतभेद के सदस्य देशों को उनकी आवश्यकतानुसार ऋण उपलब्ध कराना होगा। इसका मुख्यालय बीजिंग में ही होगा। भारत की एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेण्ट बैंक में 8.52% की हिस्सेदारी होगी जबकि उसका मताधिकार (voting rights) 7.5% तय किया गया है। खास बात यह है कि मताधिकार को तय करने में देश की बैंक में लगी पूँजी (capital) के बजाय देश के आकार को आधार बनाया गया है, जिससे परस्पर भेदभाव न हो। चीन की इस बैंक में 30.34% की सर्वाधिक हिस्सेदारी तय की गई है तथा 26.06% मताधिकार के साथ उसे वीटो शक्ति भी प्रदान की गई है। चीन के बाद भारत ही AIIB में सबसे बड़ा हिस्सेदार देश है। इस बैंक में शामिल अन्य प्रमुख देश हैं – ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ब्राज़ील, कम्बोडिया, फिनलैण्ड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जॉर्डन, नेपाल, नीदरलैण्ड्स, न्यूज़ीलैण्ड, नॉर्वे, पाकिस्तान, पुर्तगाल, कोरिया, रूस, सऊदी अरब, सिंगापुर, स्पेन, श्रीलंका, स्वीडन, स्विट्ज़रलैण्ड और ब्रिटेन।