Monday 22 June 2015

Hindi GK Jigyaasa (Gold from leaves)

पेड़ की पत्तियों में मिला सोना!!!!
जी हां मित्रों,,
ये कोई मजाक नहीं है?
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अब सोना पेड़ पर उग रहा है. ये कोई गप्प नहीं है. ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने यूकेलिप्टस के पेड़ में सोने जैसी कीमती धातु तलाश ली है.पर्थ शहर में सक्रिय रिसर्चरों ने यूकेलिप्टस के पेड़ों में छिपे सोने के छोटे-छोटे कणों का पता लगाया है.यह एक ऐसी खोज है जो भविष्य में इस कीमती धातु के भंडार खोजने में मददगार हो सकती है.
*कैसे आया पेड़ों में सोना*
ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन की खबर के अनुसार, कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन के शोधकर्ताओं ने कहा कि उनका मानना है कि जो पेड़ स्वर्ण भंडारों वाली भूमि के ऊपर उगे हैं, उनकी जड़ें काफी गहराई में हैं. सूखे के दौरान ये जड़ें नमी की तलाश में गहराई में छिपे सोने को चूस लेती हैं.
सीएसआईआरओ के भू रसायन वैज्ञानिक मेल्वन लिंटर्न ने कहा,‘हम इसकी उम्मीद नहीं कर रहे थे.पत्तियों में सोने के कण मिलना हमारे लिए वाकई एक अद्भुत अवसर था.’ उन्होंने कहा,‘हमने जिन पेड़ों पर शोध किया, उन्होंने यह सोना लगभग 30 मीटर की गहराई से लिया था.यह गहराई किसी दस मंजिला इमारत की उंचाई के बराबर होगी.
*सोने की खान रही है इस जंगल में*
यह सोना पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के संसाधन बहुल इलाके कैलगूर्ली में पाया गया.19वीं सदी के अंतिम वर्षों में में यह स्थान सोने का एक भंडार स्थल रहा है.मेलबर्न स्थित ऑस्ट्रेलियन सिंगक्रट्रॉन में बेहद छोटे कणों का बारीकी से विश्लेषण करने के लिए एक्स-रे तकनीक में सीएसआईआरओ के माइया संसूचक का इस्तेमाल किया था.उन्होंने पाया कि सोने के ये कण इंसानी बाल के व्यास का भी पांचवां भाग थे.
*पंप की तरह काम करता है ये पेड़*
लिंटर्न ने कहा,‘यूकेलिप्टस एक हाइड्रॉलिक पंप की तरह कार्य करता है.इसकी जड़ें जमीन के भीतर दसियों मीटर तक फैली होती हैं और यह जलयुक्त स्वर्ण को अपनी ओर खींचता है.’ ‘चूंकि सोना पौधे के लिए जहरीला हो सकता है इसलिए यह पत्तियों और शाखाओं की ओर चला जाता है जहां से यह झड़ सकता है.’ हालांकि लिंटर्न यह भी कहते हैं कि यदि स्वर्ण भंडार के उपर 500 पेड़ भी उगा लिए जाएं तो भी उनसे सिर्फ शादी की एक अंगूठी लायक सोना ही प्राप्त होगा.
लेकिन वैज्ञानिक ‘जैवभूरासायनिक सैंपलिंग’ नामक तकनीक का इस्तेमाल सतह के नीचे मौजूद सोने का पता लगाने के लिए कर सकते हैं.लिंटर्न ने कहा,‘खनिजों का पता लगाने के लिए वनस्पति की सैंपलिंग और फिर उनका विश्लेषण करके बिना खुदाई के ही यह पता लगाया जा सकता है कि सतह के नीचे चल क्या रहा है. खनिजों की खोज का यह एक ज्यादा केंद्रित तरीका है, जिसकी लागत भी कम है और जिसका पर्यावरण पर प्रभाव भी कम पड़ता है’ उन्होंने कहा कि इस तरीके का प्रयोग जिंक और तांबे जैसी अन्य धातुओं का पता लगाने में भी किया जा सकता है.