योजना/ पॉलिसी** (A to Z about उदय योजना)
उदय योजना:
बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए उठाया गया सबसे बड़ा कदम"
- उदय योजना (उज्जवल डिस्कोम एश्योरेंस योजना ) |
- यह योजना केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित है |
*इस योजना को विद्युत् वितरण कंपनियों की वित्त्तीय और परिचालन क्षमता में सुधार लाने के लिये शुरु किया गया है,इसके तहत लगातार 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जायेगी|
- केंद्र सरकार द्वारा वितरण कंपनियों को ऋण के दबाव से मुक्त करने के लिए उदय योजना आरंभ की गयी है.
- उदय योजना में शामिल होने वाला झारखंड पहला राज्य हैI
दूसरे शब्दों में, बिजली वितरण कंपनियों के सुदृढ़ीकरण के लिए बनायी गयी है.
=> उदय योजना की वर्तमान स्थिति :-
- इस योजना में अभी तक 15 राज्य जुड चुके हैं उसमें उत्तर प्रदेश,
हिमाचल प्रदेश,मध्य प्रदेश,उत्तराखन्ड,गुजरात,जम्मू-कश्मीर,झारखंड,हरियाना,राजस्थान छत्तीसगढ़ आदि राज्य शामिल हो गए हैंI
- अगर ये सभी 15 राज्य योजना लागू कर देते हैं तो बिजली कंपनियों पर बकाये 4.50 लाख करोड़ रुपये के कर्ज के भुगतान का रास्ता साफ हो जाएगा।
- राज्य सरकारें अब ग्रामीण क्षेत्रों को बिजली से जोड़ने की योजना को तेजी से लागू कर सकेगी। वर्ष 2019-20 तक राज्य के उन सभी गांवों को बिजली से जोड़ दिया जाएगा जहां अभी तक बिजली नहीं पहुंची है।
- इनमें से कुछ गांवों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा क्योंकि इन तक ग्रिड से बिजली पहुंचाना संभव नहीं है। वैसे भारत सरकार ने वर्ष 2020 तक सभी घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
- बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और झारखंड जैसे राज्यों में उदय योजना लागू करने का रास्ता साफ हो गया है। दो महीने के भीतर 15 राज्य उदय लागू करने के लिए समझौता कर लेंगे।
=> उदय योजना कैसे करेगी कार्य?
- इन राज्यों पर बिजली वितरण कंपनियों पर बकाये 4,50,000 करोड़ रुपये का 90 फीसद बकाया है।
- यह देश के बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए उठाया गया अभी तक का सबसे बड़ा कदम होगा।
- उदय योजना के लागू होने के बाद बिजली वितरण कंपनियों को नए सिरे से कर्ज मिलना शुरू होगा जिससे वे अपनी ट्रांसमिशन व वितरण की हानि को दूर करने के लिए नई योजना बना सकेंगी।
- बेहतर स्थिति होने के बाद वे ज्यादा बिजली खरीदेंगी जिससे देश में बिजली कटौती नहीं होगी। बिजली वितरण कंपनियों को सीधे तौर पर फायदा होगा और अनिश्चितता में फंसी नई बिजली कंपनियों पर काम आगे बढ़ सकेगा। इस तरह से उदय योजना से देश में ज्यादा बिजली कम दर पर उपलब्ध हो सकेगी।
=>उदय योजना के अंतर्गत:-
• राज्य की सरकारी कंपनियों के सभी बकाये का भुगतान राज्य सरकार करेगी।
• कर्ज देने वाले बैंक व वित्तीय संस्थान बकाये कर्ज पर अब नया ब्याज नहीं लगाएंगे।
• वितरण कंपनियों पर बकाये कर्ज के बराबर बांड जारी होंगे।
• कोयला मंत्रालय राज्य के बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयला देगा।
• बिजली कंपनियों को नजदीक में कोयला ब्लॉक दिए जाएंगे।
• अप्रैल से राज्य की बिजली कंपनियों को क्रश्ड कोयले की आपूर्ति होगी।
• अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन लाइन का काम शीघ्रता से पूरा होगा।
• मार्च, 2019 तक ट्रांसमिशन व वितरण हानि को घटा कर 15 फीसद किया जाएगा।
• राज्य में हर तीन महीने पर तय होगी बिजली की दरें।
• बिजली खरीद लागत मौजूदा 5.75 रुपये से घटाकर 4.39 रुपये प्रति यूनिट करने का लक्ष्य।
उदय योजना:
बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए उठाया गया सबसे बड़ा कदम"
- उदय योजना (उज्जवल डिस्कोम एश्योरेंस योजना ) |
- यह योजना केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित है |
*इस योजना को विद्युत् वितरण कंपनियों की वित्त्तीय और परिचालन क्षमता में सुधार लाने के लिये शुरु किया गया है,इसके तहत लगातार 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जायेगी|
- केंद्र सरकार द्वारा वितरण कंपनियों को ऋण के दबाव से मुक्त करने के लिए उदय योजना आरंभ की गयी है.
- उदय योजना में शामिल होने वाला झारखंड पहला राज्य हैI
दूसरे शब्दों में, बिजली वितरण कंपनियों के सुदृढ़ीकरण के लिए बनायी गयी है.
=> उदय योजना की वर्तमान स्थिति :-
- इस योजना में अभी तक 15 राज्य जुड चुके हैं उसमें उत्तर प्रदेश,
हिमाचल प्रदेश,मध्य प्रदेश,उत्तराखन्ड,गुजरात,जम्मू-कश्मीर,झारखंड,हरियाना,राजस्थान छत्तीसगढ़ आदि राज्य शामिल हो गए हैंI
- अगर ये सभी 15 राज्य योजना लागू कर देते हैं तो बिजली कंपनियों पर बकाये 4.50 लाख करोड़ रुपये के कर्ज के भुगतान का रास्ता साफ हो जाएगा।
- राज्य सरकारें अब ग्रामीण क्षेत्रों को बिजली से जोड़ने की योजना को तेजी से लागू कर सकेगी। वर्ष 2019-20 तक राज्य के उन सभी गांवों को बिजली से जोड़ दिया जाएगा जहां अभी तक बिजली नहीं पहुंची है।
- इनमें से कुछ गांवों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा क्योंकि इन तक ग्रिड से बिजली पहुंचाना संभव नहीं है। वैसे भारत सरकार ने वर्ष 2020 तक सभी घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
- बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और झारखंड जैसे राज्यों में उदय योजना लागू करने का रास्ता साफ हो गया है। दो महीने के भीतर 15 राज्य उदय लागू करने के लिए समझौता कर लेंगे।
=> उदय योजना कैसे करेगी कार्य?
- इन राज्यों पर बिजली वितरण कंपनियों पर बकाये 4,50,000 करोड़ रुपये का 90 फीसद बकाया है।
- यह देश के बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए उठाया गया अभी तक का सबसे बड़ा कदम होगा।
- उदय योजना के लागू होने के बाद बिजली वितरण कंपनियों को नए सिरे से कर्ज मिलना शुरू होगा जिससे वे अपनी ट्रांसमिशन व वितरण की हानि को दूर करने के लिए नई योजना बना सकेंगी।
- बेहतर स्थिति होने के बाद वे ज्यादा बिजली खरीदेंगी जिससे देश में बिजली कटौती नहीं होगी। बिजली वितरण कंपनियों को सीधे तौर पर फायदा होगा और अनिश्चितता में फंसी नई बिजली कंपनियों पर काम आगे बढ़ सकेगा। इस तरह से उदय योजना से देश में ज्यादा बिजली कम दर पर उपलब्ध हो सकेगी।
=>उदय योजना के अंतर्गत:-
• राज्य की सरकारी कंपनियों के सभी बकाये का भुगतान राज्य सरकार करेगी।
• कर्ज देने वाले बैंक व वित्तीय संस्थान बकाये कर्ज पर अब नया ब्याज नहीं लगाएंगे।
• वितरण कंपनियों पर बकाये कर्ज के बराबर बांड जारी होंगे।
• कोयला मंत्रालय राज्य के बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयला देगा।
• बिजली कंपनियों को नजदीक में कोयला ब्लॉक दिए जाएंगे।
• अप्रैल से राज्य की बिजली कंपनियों को क्रश्ड कोयले की आपूर्ति होगी।
• अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन लाइन का काम शीघ्रता से पूरा होगा।
• मार्च, 2019 तक ट्रांसमिशन व वितरण हानि को घटा कर 15 फीसद किया जाएगा।
• राज्य में हर तीन महीने पर तय होगी बिजली की दरें।
• बिजली खरीद लागत मौजूदा 5.75 रुपये से घटाकर 4.39 रुपये प्रति यूनिट करने का लक्ष्य।