दुनिया अजब गजब
क्या आप जानते हैं कि कहने को तो सब जीव जंतु के खून का रंग लाल होता है पर टिड्डी एक ऐसा कीटहै जिसका रक्त का रंग सफ़ेद होता है ..
तितली की स्वाद ग्रंथि उसके पिछले पैरों में होती है
हाथी के दांत दो या तीन बार नहीं पूरे जीवन काल में यह छः बार निकलते हैं
शहद आपको अच्छा लगता है पर इसको इकठ्ठा करने में सिर्फ़ एक पाउंड शहद बनाने में बीस लाख फूलोंसे पराग इकठ्ठा करती है मधुमखी.... कितनी मेहनत का काम है न
खटमल तीन सालों तक बिना भोजन किए जीवित रह सकता है .क्या यह किसी और के लिए संभव हैकिसी भी पक्षी का दसवां अंडा सभी नौ अण्डों से बड़ा होता है यह बहुत बार देखा गया है ..
सभी पक्षी पेड़ पोधों के साथ धरती पर बैठते उड़ते रहते हैं ..पर हीरल चिडिया एक ऐसी चिडिया है जोकभी भी किसी भी अवस्था में कहीं नही बैठती है और चलते चलते इंसान की बात ..
क्या आप जानते हैं कि फ्रांसीसी लोगो का प्रिय भोजन है मेंढक की टाँगे..
.फ्रांस को अपनी खपत का अधिकतर भाग आयत करना पड़ता है.... बीते दशक में सम्पूर्ण यूरोप में६२०० तन मेढक की टाँगे आयत की गयीं... इस में ४४ % फ्रांस ४२% बेल्जियम और लक्ज्म बर्ग और१४% इटली द्वारा खरीदी गयीं ..और बाकी तुर्की .चीन एनी देश से भी फ्रांस ३००० से ४००० टन मेढककी टाँगे आयत करता है अकेले भारत वर्ष ने सिर्फ़ १९८१ में साढ़े चार हजार टन मेढक की टाँगे निर्यातकरी थी ..जिनसे हमें लगभग एक करोड़ डालर की विदेशी मुद्रा मिली थी ..यह निर्यातइतना बढ़ गया थाकि कोलकाता के आस पास के क्षेत्रं से मेंडक के समूल नस्त हो गए थे और अंत में १९८७ में देश में मेंढककी टांगो के निर्यात पर रोक लगानी पड़ी
क्या आप जानते हैं कि कहने को तो सब जीव जंतु के खून का रंग लाल होता है पर टिड्डी एक ऐसा कीटहै जिसका रक्त का रंग सफ़ेद होता है ..
तितली की स्वाद ग्रंथि उसके पिछले पैरों में होती है
हाथी के दांत दो या तीन बार नहीं पूरे जीवन काल में यह छः बार निकलते हैं
शहद आपको अच्छा लगता है पर इसको इकठ्ठा करने में सिर्फ़ एक पाउंड शहद बनाने में बीस लाख फूलोंसे पराग इकठ्ठा करती है मधुमखी.... कितनी मेहनत का काम है न
खटमल तीन सालों तक बिना भोजन किए जीवित रह सकता है .क्या यह किसी और के लिए संभव हैकिसी भी पक्षी का दसवां अंडा सभी नौ अण्डों से बड़ा होता है यह बहुत बार देखा गया है ..
सभी पक्षी पेड़ पोधों के साथ धरती पर बैठते उड़ते रहते हैं ..पर हीरल चिडिया एक ऐसी चिडिया है जोकभी भी किसी भी अवस्था में कहीं नही बैठती है और चलते चलते इंसान की बात ..
क्या आप जानते हैं कि फ्रांसीसी लोगो का प्रिय भोजन है मेंढक की टाँगे..
.फ्रांस को अपनी खपत का अधिकतर भाग आयत करना पड़ता है.... बीते दशक में सम्पूर्ण यूरोप में६२०० तन मेढक की टाँगे आयत की गयीं... इस में ४४ % फ्रांस ४२% बेल्जियम और लक्ज्म बर्ग और१४% इटली द्वारा खरीदी गयीं ..और बाकी तुर्की .चीन एनी देश से भी फ्रांस ३००० से ४००० टन मेढककी टाँगे आयत करता है अकेले भारत वर्ष ने सिर्फ़ १९८१ में साढ़े चार हजार टन मेढक की टाँगे निर्यातकरी थी ..जिनसे हमें लगभग एक करोड़ डालर की विदेशी मुद्रा मिली थी ..यह निर्यातइतना बढ़ गया थाकि कोलकाता के आस पास के क्षेत्रं से मेंडक के समूल नस्त हो गए थे और अंत में १९८७ में देश में मेंढककी टांगो के निर्यात पर रोक लगानी पड़ी