भूगोल – एक अवलोकन
►-ब्रह्माण्ड (Universe)
1. ब्रह्माण्ड का वैज्ञानिक अध्यन ब्रह्माण्ड विज्ञान (Cosmology) के अंतर्गत किया जाता है
2. ब्रह्माण्ड आकाशीय पिंडो की सुव्यस्था है जिसमे सभी आकाशीय पिंड एक निश्चित दूरी पर एक निश्चित दिशा में तथा प्रायः एक निश्चित गति से गति शील पाए जाते हैं
3. ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के विषय में तीन सिद्धांतों का प्रति पदन किया गया है:-
(i) महा विस्फोट सिद्धांत (बिग बैंग थेओरी) . इसका प्रतिपादन George La Maitre ने किया तथा बाद में Alen Guth ने विकसित किया
(ii) सतत सृष्टि सिद्धांत – इसका प्रतिपादन गोल्ड एवं Harman Baundi ने किया
(iii) संकुचन विमोचन (दोलन सिद्धांत) इसका प्रतिपादन Dr. Alen Sandez ने किया
4. ब्रह्माण्ड में पाए जाने वाले सभी आकाशीय पिंडो की विशेषताओं का वैज्ञानिक अध्यन खगोलशास्त्र (Astronomy) के अंतर्गत किया जाता है
5. आकाशीय पिंडो की भौतिक विशेषताओं का वैज्ञानिक अध्यन (Astrophysics) के अंतर्गत किया जाता है
6. खगोलशास्त्री केपलर ने १६वी शताब्दी में ग्रहों के गति सम्भंदी नियमों का प्रतिपादन किया था
7. 1905 ई में खगोलशास्त्री एडविन हब्बल ने बताया की हमारी आकाशगंगा के सामान ब्रह्माण्ड में कई आकाशगंगा पाएं जाती हैं
►-आकाशगंगा (Galaxy)
1. ब्रह्माण्ड में पाए जाने वाले तारों के जमाव (पुंज) को आकाशगंगा कहते हैं
2. आकाशगंगा को यूनानी भाषा में Galaxy कहा जाता है
3. ब्रह्माण्ड में आकाशगंगाओं की तीन आकृतिओं का निर्धारण किया गया है:-
(i) elliptical
(ii) spiral
(iii) irregular
4. हमारी आकाशगंगा spiral आकृति की है
5. हमारी आकाशगंगा का व्यास एक लाख प्रकाशवर्ष है
6. सूर्य से हमारी आकाशगंगा के केंद्र की दूरी 32 हज़ार प्रकाश वर्ष है
►-तारा (Star)
1. तारे ब्रह्माण्ड में पाए जाने वाले चमकदार गैसों के पिंड होते हैं. इनमें अपना प्रकाश पाया जाता है
2. तारों में पायी काने वाली गैसों में सर्वाधिक 70 % मात्र हाईड्रोजेन गैस की होती है इसके बाद दूसरी गैस हीलियम की मात्र 26.5 % होती है
3. पृथिवी के ध्रुव पर 90 डिग्री का कोण बनाने वाला तारा ध्रुव (Pole Star) तारा होता है
4. तारों का रंग उनकी आयु का सूचक होता है, जो तारा जितना चमकीला
होता है उसकी आयु उतनी कम पाई जाती है
5. तारा अपने जीवन चक्र में चार अवस्था से गुज़रता है:-
(i) आदि तारा (Proto Star)
(ii) लाल भ्रूण तारा (Red Embryo Star)
(iii) युवा पीला तारा (Youthful Yellow Star)
(iv) लाल दानव तारा (Red Giant Star)
►-सूर्य (Sun)
1. सौर्यमंडल का केंद्रीय सदस्य सूर्य पृथ्वी का निकटम तारा है
2. सूर्य आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा 22.5 करोड़ वर्ष में पूरी करता है जिसे ब्रह्माण्ड वर्ष (Cosmic Year) कहते हैं
3. सूर्य से पृथ्वी 14.96 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर है जिसका प्रकाश पृथ्वी पर 8 मिनट 30 सेकंड में पहुचता है
4. सूर्य के किरओं की गति 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड हैं
5. सूर्य गैसों से निर्मित चमकदार पिंड है जिसमें 71 % भाग ह्य्द्रोगें, 28 % हीलियम और २ % अन्य भारी तत्त्व पाया जाता है
6. सूर्य की संरचना दो प्रकार की पायी जाती है:-
(i) आतंरिक (ii) बाहरी
7. सूर्य की आतंरिक संरचना में तीन स्तर पाए जाते हैं:-
(i) Core
(ii) Radiative
(iii) Convective
8. सूर्य का केंद्रीय भाग Core कहलाता है
9. सूर्य की बाहरी संरचना में तीन स्टार पाए जाते हैं:-
(i) Photosphere
(ii) Chromoshpere
(iii) Corona
►-ब्रह्माण्ड (Universe)
1. ब्रह्माण्ड का वैज्ञानिक अध्यन ब्रह्माण्ड विज्ञान (Cosmology) के अंतर्गत किया जाता है
2. ब्रह्माण्ड आकाशीय पिंडो की सुव्यस्था है जिसमे सभी आकाशीय पिंड एक निश्चित दूरी पर एक निश्चित दिशा में तथा प्रायः एक निश्चित गति से गति शील पाए जाते हैं
3. ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के विषय में तीन सिद्धांतों का प्रति पदन किया गया है:-
(i) महा विस्फोट सिद्धांत (बिग बैंग थेओरी) . इसका प्रतिपादन George La Maitre ने किया तथा बाद में Alen Guth ने विकसित किया
(ii) सतत सृष्टि सिद्धांत – इसका प्रतिपादन गोल्ड एवं Harman Baundi ने किया
(iii) संकुचन विमोचन (दोलन सिद्धांत) इसका प्रतिपादन Dr. Alen Sandez ने किया
4. ब्रह्माण्ड में पाए जाने वाले सभी आकाशीय पिंडो की विशेषताओं का वैज्ञानिक अध्यन खगोलशास्त्र (Astronomy) के अंतर्गत किया जाता है
5. आकाशीय पिंडो की भौतिक विशेषताओं का वैज्ञानिक अध्यन (Astrophysics) के अंतर्गत किया जाता है
6. खगोलशास्त्री केपलर ने १६वी शताब्दी में ग्रहों के गति सम्भंदी नियमों का प्रतिपादन किया था
7. 1905 ई में खगोलशास्त्री एडविन हब्बल ने बताया की हमारी आकाशगंगा के सामान ब्रह्माण्ड में कई आकाशगंगा पाएं जाती हैं
►-आकाशगंगा (Galaxy)
1. ब्रह्माण्ड में पाए जाने वाले तारों के जमाव (पुंज) को आकाशगंगा कहते हैं
2. आकाशगंगा को यूनानी भाषा में Galaxy कहा जाता है
3. ब्रह्माण्ड में आकाशगंगाओं की तीन आकृतिओं का निर्धारण किया गया है:-
(i) elliptical
(ii) spiral
(iii) irregular
4. हमारी आकाशगंगा spiral आकृति की है
5. हमारी आकाशगंगा का व्यास एक लाख प्रकाशवर्ष है
6. सूर्य से हमारी आकाशगंगा के केंद्र की दूरी 32 हज़ार प्रकाश वर्ष है
►-तारा (Star)
1. तारे ब्रह्माण्ड में पाए जाने वाले चमकदार गैसों के पिंड होते हैं. इनमें अपना प्रकाश पाया जाता है
2. तारों में पायी काने वाली गैसों में सर्वाधिक 70 % मात्र हाईड्रोजेन गैस की होती है इसके बाद दूसरी गैस हीलियम की मात्र 26.5 % होती है
3. पृथिवी के ध्रुव पर 90 डिग्री का कोण बनाने वाला तारा ध्रुव (Pole Star) तारा होता है
4. तारों का रंग उनकी आयु का सूचक होता है, जो तारा जितना चमकीला
होता है उसकी आयु उतनी कम पाई जाती है
5. तारा अपने जीवन चक्र में चार अवस्था से गुज़रता है:-
(i) आदि तारा (Proto Star)
(ii) लाल भ्रूण तारा (Red Embryo Star)
(iii) युवा पीला तारा (Youthful Yellow Star)
(iv) लाल दानव तारा (Red Giant Star)
►-सूर्य (Sun)
1. सौर्यमंडल का केंद्रीय सदस्य सूर्य पृथ्वी का निकटम तारा है
2. सूर्य आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा 22.5 करोड़ वर्ष में पूरी करता है जिसे ब्रह्माण्ड वर्ष (Cosmic Year) कहते हैं
3. सूर्य से पृथ्वी 14.96 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर है जिसका प्रकाश पृथ्वी पर 8 मिनट 30 सेकंड में पहुचता है
4. सूर्य के किरओं की गति 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड हैं
5. सूर्य गैसों से निर्मित चमकदार पिंड है जिसमें 71 % भाग ह्य्द्रोगें, 28 % हीलियम और २ % अन्य भारी तत्त्व पाया जाता है
6. सूर्य की संरचना दो प्रकार की पायी जाती है:-
(i) आतंरिक (ii) बाहरी
7. सूर्य की आतंरिक संरचना में तीन स्तर पाए जाते हैं:-
(i) Core
(ii) Radiative
(iii) Convective
8. सूर्य का केंद्रीय भाग Core कहलाता है
9. सूर्य की बाहरी संरचना में तीन स्टार पाए जाते हैं:-
(i) Photosphere
(ii) Chromoshpere
(iii) Corona