Thursday 11 February 2016

About GST bill in hindi

GST बिल क्या है ?
आजकल एक शब्द कानों में खूब गूँज रहा है ... GST बिल... वही बिल जो स्टेंडिंग कमेटी से पास हो गया... लोकसभा से भी पास हो गया परंतु राज्यसभा में अटका पड़ा है ... जिसे अरुण जेटली जी ने भारी हंगामे के बीच प्रस्तुत किया ...GST बिल अर्थव्यवस्था की दिशा में क्रन्तिकारी कदम है।

GST अथार्त् गुड्स एन्ड सर्विसेस टैक्स। यह टैक्स अप्रैल 2016 से लागू होना है। मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स को 1947 के बाद का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म है। कई अर्थशास्त्रियों ने इसके लागू होने के बाद GDP ग्रोथ एक साल में 2-3% बढ़ने की पूरी पूरी आशा व्यक्त की है... आखिर इसकी आवश्यकता क्यों है ?
अभी तक राज्यों में अलग-अलग स्थानीय टैक्स लगाया जाता है जैसे कार अौर पेट्रोल का मूल्य हर राज्य में

अलग-अलग होता है। कई सामानों की कीमत विभिन्न राज्यों में अलग अलग होती है। परंतु जीएसटी लागू होने के बाद ऐसा नहीं होगा। प्रत्येक उत्पाद पर लगने वाले टैक्स में केंद्र और राज्यों को बराबर भाग मिलेगा। इससे पूरे देश में एक प्रोडक्ट लगभग एक जैसी ही कीमत पर मिलेगा और पहले से सस्ता मिलेगा ... जैसे दिल्ली से निकटवर्ती नोएडा, गुड़गांव वाले, जो कभी गाड़ी यूपी से लेते हैं, कभी हरियाणा तो कभी दिल्ली से,

जहाँ भी सस्ती मिल जाए वो सब चक्कर ही खत्म हो जाएगा।

जीएसटी लागू होने पर कंपनियों का झंझट और खर्च भी कम होगा। व्यापारियों को सामान एक

जगह से दूसरी जगह ले जाने में कोई परेशानी नहीं होगी। अलग-अलग टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा तो

उत्पाद का लागत मूल्य कम होगा। जीएसटी लागू होने पर सबसे अधिक लाभ आम जनता को है क्योंकि तब

चीजें पूरे देश में एक ही रेट पर मिलेंगी, चाहे वो किसी भी राज्य से खरीदी जाये। हाँ कुछ मदिरा भक्त और तम्बाकू सेवन वालों के लिए जरूर इससे कुछ लाभ नही होगा क्योंकि इन दोनों नशीले पदार्थो को इस श्रेणी में सम्मिलित नही किया गया है।

अब समझिये ये होगा कैसे ??
अलग-अलग अनेकों टैक्स खत्म कर उनकी स्थान पर एक ही टैक्स प्रणाली लागू करने के लिए GST प्रारूप

बनाया गया है। जीएसटी लागू होते ही सेंट्रल सेल्स टैक्स, एक्साइज़, लग्जरी टैक्स, एंटरटेनमेंट टैक्स, चुंगी, वैट

जैसे सभी कर समाप्त हो जाएंगे। इससे पूरे देश में एक उत्पाद लगभग एक जैसी ही कीमत पर मिलेगा। हमलोग अभी तक कोई भी सामान खरीदते समय उस पर 30-35% टैक्स के रूप में चुकाते हैं। जीएसटी लागू होने के बाद ये टैक्स घटकर 20% तक आ जायेंगे। अभी आप लोगों ने सुना होगा कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में वैट बढ़ाया जिससे सभी सामान महंगा हो गया परंतु इस बिल के पास होने के राज्य सरकारों द्वारा ऐसा कर पाना संभव नही होगा।

कई राज्य 27% से अधिक जीएसटी चाहते हैं। लेकिन केंद्र का कहना है कि 20% से अधिक दर तय की गई तो

उत्पाद और सेवायें महंगी हो जाएंगी। अब केंद्र के मनाने पर 20% तक के लिए सभी राज्य राजी हो गए हैं। जैसे

यदि जीएसटी 20% तय होता है तो केंद्र और राज्य को Tax Revenue का 10-10% हिस्सा मिलेगा और बाकी

के टैक्स से मुक्ति... कई राज्यों का एक-तिहाई टैक्स प्राप्ति केवल पेट्रोल-डीजल से होती है। इसलिए वे पैट्रो उत्पाद को जीएसटी के अंतर्गत नहीं रखना चाहते। परंतु मोदी सरकार ने GST के अंतर्गत टैक्स प्राप्ति में हानि होने वाले राज्यों को केंद्र की ओर से पाँच वर्ष तक, पहले वर्ष में 100%, दूसरे वर्ष में 75% और तीसरे से पांचवें वर्ष तक 50% की क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया है। तमिलनाडु और एक दो राज्यों को छोड़कर शेष सभी

राज्यों से सहमति भी हो गई है| अब सभी लोगों को वास्तविकता बताने की आवश्यकता आ गई है कि यह बिल कितना महत्वपूर्ण है।