प्रश्न .कुत्ता अपने मुख से जीभ बाहर निकल कर साँस क्यों लेता है ?
उत्तर : कुत्ता अपने शरीर के ताप को कम करने के लिए जीभ को बाहर निकाल कर साँस लेता है क्योंकि जीभ बाहर निकाल कर साँस लेने से जीभ पर मौजूद जल का वाष्पीकरण होता है इस प्रक्रिया में जीभ से पर्याप्त मात्रा में ऊष्मा का ली जाती है और शरीर का ताप कम हो जाता है |
प्रश्न. वर्षा ऋतु में कपड़े देर से क्यों सूखते हैं?
उत्तर : वर्षा ऋतु में कपड़े देर से सूखते हैं क्योंकि वातावरण में नमी की मात्रा अधिक होने से वाष्पीकरण की दर धीमी हो जाती है जिससे कपड़े देर से सूखते हैं।
प्रश्न . शरीर के किसी भाग में कोई चीज छुये हमें उसका तुरंत पता बिना देखे कैसे चल जाता है?
उत्तर : हमारे पुरे शरीर में त्वजा के ठीक नीचे स्नायुओं का जाल बिछा है जिनमें से विभिन्न प्रकार के अनुभवों के लिये अलग-अलग स्नायु कार्यरत रहते है यही स्नायु अनुभव मस्तिष्क को भेजती है और हमें उसका एहसास तुरंत हो जाता है।
प्रश्न 3. बिजली और टेलीफोन के खम्भों के बीच तार कसकर क्यों नहीं लगाये जाते हैं?
उत्तर : यह तो हम सभी जानते ही हैं कि बिजली और टेलीफोन के तार दो खम्भों के मध्य कसकर नहीं बांधें जाते हैं क्योंकि यदि इन्हें कसकर लगाया जाये तो सर्दी के दिनों में ताप कम होने पर ये सिकुड़ कर टूट सकते हैं अतः तारों को ढीला छोड़ा जाता है।
उत्तर : कुत्ता अपने शरीर के ताप को कम करने के लिए जीभ को बाहर निकाल कर साँस लेता है क्योंकि जीभ बाहर निकाल कर साँस लेने से जीभ पर मौजूद जल का वाष्पीकरण होता है इस प्रक्रिया में जीभ से पर्याप्त मात्रा में ऊष्मा का ली जाती है और शरीर का ताप कम हो जाता है |
प्रश्न. वर्षा ऋतु में कपड़े देर से क्यों सूखते हैं?
उत्तर : वर्षा ऋतु में कपड़े देर से सूखते हैं क्योंकि वातावरण में नमी की मात्रा अधिक होने से वाष्पीकरण की दर धीमी हो जाती है जिससे कपड़े देर से सूखते हैं।
प्रश्न . शरीर के किसी भाग में कोई चीज छुये हमें उसका तुरंत पता बिना देखे कैसे चल जाता है?
उत्तर : हमारे पुरे शरीर में त्वजा के ठीक नीचे स्नायुओं का जाल बिछा है जिनमें से विभिन्न प्रकार के अनुभवों के लिये अलग-अलग स्नायु कार्यरत रहते है यही स्नायु अनुभव मस्तिष्क को भेजती है और हमें उसका एहसास तुरंत हो जाता है।
प्रश्न 3. बिजली और टेलीफोन के खम्भों के बीच तार कसकर क्यों नहीं लगाये जाते हैं?
उत्तर : यह तो हम सभी जानते ही हैं कि बिजली और टेलीफोन के तार दो खम्भों के मध्य कसकर नहीं बांधें जाते हैं क्योंकि यदि इन्हें कसकर लगाया जाये तो सर्दी के दिनों में ताप कम होने पर ये सिकुड़ कर टूट सकते हैं अतः तारों को ढीला छोड़ा जाता है।