Know Tata Institute of Fundamental Research,(TIFR) In Hindi
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विक्रम अंबालाल साराभाई (१२ अगस्त, १९१९- ३0 दिसंबर, १९७१) भारत के प्रमुख वैज्ञानिक थे। इन्होंने ८६ वैज्ञानिक शोध पत्र लिखा एवं ४० संस्थान खोला। इनको विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में सन १९६६ में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
डॉ॰ विक्रम साराभाई के नाम को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम से अलग नहीं किया जा सकता। यह जगप्रसिद्ध है कि वह विक्रम साराभाई ही थे जिन्होंने अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारत को अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थान दिलाया। लेकिन इसके साथ-साथ उन्होंने अन्य क्षेत्रों जैसे वस्त्र, भेषज, आणविक ऊर्जा, इलेक्ट्रानिक्स और अन्य अनेक क्षेत्रों में भी बराबर का योगदान किया।
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इतिहास ---------------
सन् १९४९ में होमी जहांगीर भाभा जिन्हें भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के विकास में उनके योगदान के लिए जाना जाता है ने एक वैज्ञानिक शौध संस्थान स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता का अनुरोध करते हुए सर दोरबजी टाटा ट्रस्ट को लिखा।
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अनुसंधान के क्षेत्र -------
यहां रसायन विज्ञान, गणित, कम्प्यूटर विज्ञान, जन-स्वास्थ्य, जीव विज्ञान, भौतिकी तथा विज्ञान शिक्षण में शोध कार्य किया जाता है।
इस संस्थान के शोध को तीन मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है-
गणित का विद्यालय
प्राकृतिक विज्ञानों का विद्यालय
तकनिकी एवं कम्प्यूटर विज्ञान का विद्यालय
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संबद्ध अनुसंधान संस्थाएँ -------
टी आई एफ आर से सम्बद्ध कुछ शोध संस्थाएं इसके कोलाबा (मुम्बई) स्थित मुख्य परिसर के बाहर भी स्थित हैं-
होमी भाभा विज्ञान शिक्षण केन्द्र - देवनार, मुम्बई
राष्ट्रीय रेडियो खगोल-भौतिकी केन्द्र - पुणे
राष्ट्रीय जीव वैज्ञानिक केन्द्र - बंगलुरू
टी आई एफ आर केन्द्र - बंगलुरू, गणित के लिये
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विक्रम अंबालाल साराभाई (१२ अगस्त, १९१९- ३0 दिसंबर, १९७१) भारत के प्रमुख वैज्ञानिक थे। इन्होंने ८६ वैज्ञानिक शोध पत्र लिखा एवं ४० संस्थान खोला। इनको विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में सन १९६६ में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
डॉ॰ विक्रम साराभाई के नाम को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम से अलग नहीं किया जा सकता। यह जगप्रसिद्ध है कि वह विक्रम साराभाई ही थे जिन्होंने अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारत को अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थान दिलाया। लेकिन इसके साथ-साथ उन्होंने अन्य क्षेत्रों जैसे वस्त्र, भेषज, आणविक ऊर्जा, इलेक्ट्रानिक्स और अन्य अनेक क्षेत्रों में भी बराबर का योगदान किया।
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इतिहास ---------------
सन् १९४९ में होमी जहांगीर भाभा जिन्हें भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के विकास में उनके योगदान के लिए जाना जाता है ने एक वैज्ञानिक शौध संस्थान स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता का अनुरोध करते हुए सर दोरबजी टाटा ट्रस्ट को लिखा।
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अनुसंधान के क्षेत्र -------
यहां रसायन विज्ञान, गणित, कम्प्यूटर विज्ञान, जन-स्वास्थ्य, जीव विज्ञान, भौतिकी तथा विज्ञान शिक्षण में शोध कार्य किया जाता है।
इस संस्थान के शोध को तीन मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है-
गणित का विद्यालय
प्राकृतिक विज्ञानों का विद्यालय
तकनिकी एवं कम्प्यूटर विज्ञान का विद्यालय
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संबद्ध अनुसंधान संस्थाएँ -------
टी आई एफ आर से सम्बद्ध कुछ शोध संस्थाएं इसके कोलाबा (मुम्बई) स्थित मुख्य परिसर के बाहर भी स्थित हैं-
होमी भाभा विज्ञान शिक्षण केन्द्र - देवनार, मुम्बई
राष्ट्रीय रेडियो खगोल-भौतिकी केन्द्र - पुणे
राष्ट्रीय जीव वैज्ञानिक केन्द्र - बंगलुरू
टी आई एफ आर केन्द्र - बंगलुरू, गणित के लिये