भारत रत्न सम्मान की जानकारी
प्रकार - नागरिक
श्रेणी - सामान्य
स्थापना वर्ष - १९५४
अंतिम अलंकरण - २०१३
कुल अलंकरण - ४३
अलंकरणकर्ता - भारत सरकार
विवरण - सूर्य की प्लैटिनम छवि के संग भारत रत्न देवनागरी लिपि में खुदा हुआ,
एक पीपल के पत्ते पर
प्रथम अलंकृत - सर्वपल्ली राधाकृष्णन
अंतिम अलंकृत - पं.भीमसेन जोशी
सम्मान श्रेणी
कोई नहीं ← भारत रत्न → पद्म विभूषण
श्रेणी - सामान्य
स्थापना वर्ष - १९५४
अंतिम अलंकरण - २०१३
कुल अलंकरण - ४३
अलंकरणकर्ता - भारत सरकार
विवरण - सूर्य की प्लैटिनम छवि के संग भारत रत्न देवनागरी लिपि में खुदा हुआ,
एक पीपल के पत्ते पर
प्रथम अलंकृत - सर्वपल्ली राधाकृष्णन
अंतिम अलंकृत - पं.भीमसेन जोशी
सम्मान श्रेणी
कोई नहीं ← भारत रत्न → पद्म विभूषण
भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इस सम्मान की स्थापना २ जनवरी १९५४ में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। अन्य अलंकरणों के समान इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, यह प्रावधान १९५५ में बाद में जोड़ा गया। तत्पश्चात १2 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया। सुभाष चन्द्र बोस को घोषित सम्मान वापस लिए जाने के उपरान्त मरणोपरान्त सम्मान पाने वालों की संख्या ११ मानी जा सकती है। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है।
अन्य प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान की श्रेणी में पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री का नाम लिया जा सकता है।
पदक :-
मूल रूप में इस सम्मान के पदक का डिजाइन ३५ मिमि गोलाकार स्वर्ण मैडल था। जिसमें सामने सूर्य बना था, ऊपर हिन्दी में भारत रत्न लिखा था और नीचे पुष्प हार था। और पीछे की तरफ़ राष्ट्रीय चिह्न और मोटो था। फिर इस पदक के डिज़ाइन को बदल कर तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना दिया गया। जिसके नीचे चाँदी में लिखा रहता है "भारत रत्न" और यह सफ़ेद फीते के साथ गले में पहना जाता है।