Saturday 23 May 2015

Know about Sardar Vallabh Bhai Patel in hindi

सरदार वल्लभ भाई पटेल :-
भारत के उप प्रधानमंत्री
पद बहाल
15 अगस्त 1947 – 15 दिसम्बर 1950
प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु
पूर्वा धिकारी पद सृजन
उत्तरा धिकारी मोरारजी देसाई
गृह मंत्रालय
पद बहाल
15 अगस्त 1947 – 15 दिसम्बर 1950
प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु
पूर्वा धिकारी पद सृजन
उत्तरा धिकारी चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
जन्म 31 अक्टूबर 1875
नडियाद, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत
मृत्यु 15 दिसम्बर 1950 (उम्र 75)
बॉम्बे, बॉम्बे राज्य, भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
राजनीतिक दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
बच्चे मणिबेन पटेल, दह्याभाई पटेल
विद्यालय कॉलेज मिडल टेम्पल
पेशा वकालत
सरदार वल्लभ भाई पटेल (31 अक्टूबर, 1875 - 15 दिसम्बर, 1950) (गुजराती: સરદાર વલ્લભભાઈ પટેલ) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी एवं स्वतन्त्र भारत के प्रथम गृहमंत्री थे। सरदार पटेल बर्फ से ढंके एक ज्वालामुखी थे। वे नवीन भारत के निर्माता थे। राष्ट्रीय एकता के बेजोड़ शिल्पी थे। वास्तव में वे भारतीय जनमानस अर्थात किसान की आत्मा थे।
भारत की स्वतंत्रता संग्राम मे उनका महत्वपूर्ण योगदान है। भारत की आजादी के बाद वे प्रथम गृह मंत्री और उपप्रधानमंत्री बने। उन्हे भारत का 'लौह पुरूष' भी कहा जाता है।
जीवन परिचय:-
पटेल का जन्म नडियाद, गुजरात में एक पाटीदार कृषक ज़मीदार परिवार में हुआ था। वे झवेरभाई पटेल एवं लदबा की चौथी संतान थे। सोमभाई, नरसीभाई और विट्टलभाई उनके अग्रज थे। उनकी शिक्षा मुख्यतः स्वाध्याय से ही हुई। लन्दन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे। महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होने भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लिया।
पटेल का सम्मान :-
अहमदाबाद के हवाई अड्डे का नामकरण सरदार वल्लभभाई पटेल अन्तराष्ट्रीय हवाई अड्डा रखा गया है।
गुजरात के वल्लभ विद्यानगर में सरदार पटेल विश्वविद्यालय
सन १९९१ में मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मानित
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी :-
31 अक्टूबर 2013 को सरदार वल्लभ भाई पटेल की 137वीं जयंती के मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार वल्लभ भाई पटेल के स्मारक का शिलान्यास किया। इसका नाम 'एकता की मूर्ति' (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) रखा गया है। यह मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' (93 मीटर) से दुगनी ऊंची बनेगी। इस प्रस्तावित प्रतिमा को एक छोटे चट्टानी द्वीप पर स्थापित किया जाना है जो केवाड़िया में सरदार सरोवर बांध के सामने नर्मदा नदी के मध्य में है। सरदार वल्लभ भाई पटेल की यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति होगी तथा यह 5 वर्ष में लगभग 2500 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होनी है।