Saturday 23 May 2015

Know about Bhagat Singh in Hindi

भगत सिंह:-
(२८ सितम्बर १९०७ से २३ मार्च १९३१)
जन्मस्थल : गाँव बंगा, जिला लायलपुर, पंजाब (अब पाकिस्तान में)
मृत्युस्थल: लाहौर जेल, पंजाब (अब पाकिस्तान में)
आन्दोलन: भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम
प्रमुख संगठन: नौजवान भारत सभा, हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन ऐसोसियेशन, अभिनव भारत
भगत सिंह (जन्म: २८ सितम्बर १९०७, मृत्यु: २३ मार्च १९३१) भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। भगतसिंह ने देश की आज़ादी के लिए जिस साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया, वह आज के युवकों के लिए एक बहुत बड़ा आदर्श है। इन्होंने केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया। जिसके फलस्वरूप इन्हें २३ मार्च १९३१ को इनके दो अन्य साथियों, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फाँसी पर लटका दिया गया। सारे देश ने उनके बलिदान को बड़ी गम्भीरता से याद किया। पहले लाहौर में साण्डर्स-वध और उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय असेम्बली में चन्द्रशेखर आजाद व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ बम-विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलन्दी प्रदान की। इन सभी बम धमाको के लिए उन्होंने वीर सावरकर के क्रांतिदल अभिनव भारत की भी सहायता ली और इसी दल से बम बनाने के गुर सीखे।
"ऐसा कम होता है कि एक क्रान्तिकारी दूसरे क्रान्तिकारी की छवि का वर्णन करे और दोनों ही शहीद हो जायें। रामप्रसाद बिस्मिल १९ दिसम्बर १९२७ को शहीद हुए, उससे पहले मई १९२७ में भगतसिंह ने किरती में 'काकोरी के वीरों से परिचय' लेख लिखा। उन्होंने बिस्मिल के बारे में लिखा - 'ऐसे नौजवान कहाँ से मिल सकते हैं? आप युद्ध विद्या में बड़े कुशल हैं और आज उन्हें फाँसी का दण्ड मिलने का कारण भी बहुत हद तक यही है। इस वीर को फाँसी का दण्ड मिला और आप हँस दिये। ऐसा निर्भीक वीर, ऐसा सुन्दर जवान, ऐसा योग्य व उच्चकोटि का लेखक और निर्भय योद्धा मिलना कठिन है।' सन् १९२२ से १९२७ तक रामप्रसाद बिस्मिल ने एक लम्बी वैचारिक यात्रा पूरी की। उनके आगे की कड़ी थे भगतसिंह।"




Shaheed Bhagat Singh:-
(About Shaheed Bhagat singh pic- Bhagat Singh as he appeared in 1929 after cutting his hair in Lahore to escape detection by police)
Born 28 September 1907[a]
Jaranwala Tehsil, Punjab, British India
Died 23 March 1931 (aged 23)
Lahore, Punjab, British India
Organization Naujawan Bharat Sabha,
Kirti Kisan Party,
Hindustan Socialist Republican Association
Movement Indian Independence movement
Religion None (Singh was an Atheist)
Bhagat Singh ( 27/28 September 1907 – 23 March 1931) was an Indian socialist considered to be one of the most influential revolutionaries of the Indian independence movement. He is often referred to as "Shaheed Bhagat Singh", the word "Shaheed" meaning "martyr" in a number of South Asian and Middle Eastern languages. Born into a Sikh family which had earlier been involved in revolutionary activities against the British Raj, as a teenager Singh studied European revolutionary movements and was attracted to anarchist and Marxist ideologies. He became involved in numerous revolutionary organisations, and quickly rose through the ranks of the Hindustan Republican Association (HRA) to become one of its main leaders, eventually changing its name to the Hindustan Socialist Republican Association (HSRA) in 1928.
Seeking revenge for the death of Lala Lajpat Rai at the hands of the police, Singh was involved in the murder of British police officer John Saunders. He eluded efforts by the police to capture him. Soon after, together with Batukeshwar Dutt, he and an accomplice threw two bombs and leaflets inside the Central Legislative Assembly. The two men were arrested, as they had planned to be. Held on this charge, he gained widespread national support when he underwent a 116-day fast in jail, demanding equal rights for British and Indian political prisoners. During this time, sufficient evidence was brought against him for a conviction in the Saunders case, after trial by a Special Tribunal and appeal at the Privy Council in England. He was convicted and subsequently hanged for his participation in the murder, aged 23. His legacy prompted youth in India to begin fighting for Indian independence and he continues to be a youth idol in modern India, as well as the inspiration for several films. He is commemorated with a large bronze statue in the Parliament of India, as well as a range of other memorials.