1.एससीओ में भारत को पूर्ण सदस्यता:- शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) ने शुक्रवार को भारत को बतौर पूर्ण सदस्य अपने संगठन में शामिल कर लिया है। 15वें एसीओ सम्मेलन में शामिल होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह सदस्यीय संगठन के सदस्य देशों के साथ जनसंचार, आतंकवाद के खिलाफ युद्ध और आपसी व्यापार को बढ़ावा देने का माहौल बनाने की पेशकश की है। पिछले दस सालों से भारत का एससीओ में पर्यवेक्षक का दर्जा था, लेकिन तकनीकी रूप से सारी प्रक्रियाओं को पूरा करके भारत अगले साल से पूर्ण सदस्य बन जाएगा। बीजिंग में केंद्रित एससीओ में मौजूदा समय में चीन, रूस, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, उबेकिस्तान और ताजिकिस्तान ही पूर्ण सदस्य हैं। भारत के साथ ही पाकिस्तान को भी पूर्ण सदस्यता देने की शुक्रवार को यहां शुरुआत की गई। सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मौजूदगी में भारत को पूर्ण सदस्यता की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘भारत को पूर्ण सदस्य स्वीकार करने के लिए वह एससीओ के सदस्यों के दिल से आभारी हैं। शंघाई सहयोग संगठन में हमारी सदस्यता हमारे सदस्यों देशों के साथ रिश्तों का स्वाभाविक विस्तार है। इससे भारत के भविष्य में क्षेत्र का स्थान नजर आता है। मानव इतिहास के सृजन वाले इस व्यापक क्षेत्र में भारत शांति और समृद्धि को बढ़ावा देगा।’ शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना वर्ष 2001 में की गई थी। फिलहाल चीन, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजाकिस्तान और उबेकिस्तान इसके पूर्ण सदस्य हैं। अफगानिस्तान, भारत, ईरान, मंगोलिया और पाकिस्तान इसके पर्यवेक्षक हैं। जबकि बेलारूस, टर्की और श्रीलंका बातचीत में साझीदार हैं। भारत को 2005 में एससीओ का पर्यवेक्षक बनाया गया था। पिछले साल ही भारत ने इस संगठन में पूर्ण सदस्यता का आवेदन दिया था। भारत का एजेंडा जनसंचार बढ़ाने, आतंकवाद के खिलाफ अभियान में सहयोग करने और मादक पदार्थो की तस्करी रोकने का है।
2. अप्रैल से स्थानीय मुद्रा में कर्ज देगा ब्रिक्स बैंक:- भारत सहित पांच ब्रिक्स देशों की ओर से गठित न्यू डेवलपमेंट बैंक(एनडीबी) या ब्रिक्स बैंक अगले साल अप्रैल से स्थानीय मुद्रा में कर्ज देना शुरू कर देगा। यह मुख्य रूप से सदस्य देशों की कर्ज जरूरतों पर फोकस करेगा। बैंकिंग जगत की जानी-मानी हस्ती व एनडीबी के प्रमुख केवी कामथ ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। कामथ ने बताया कि बैंक का संचालन मंडल अगले कुछ माह में अन्य देशों को सदस्य बनाने को लेकर फैसला कर लेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले साल अप्रैल से कर्ज देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। तब तक सभी सदस्य देशों के लिए परियोजनाओं की स्थिति भी तैयार की ली जाएगी। एनडीबी के सदस्य देशों-ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका को विकास के लिए भारी-भरकम संसाधनों की आवश्यकता है।
3. उफा में मिले मोदी और नवाज, दोनों देशों के बीच गतिरोध टूटा:- भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने लगी है। रूस के शहर उफा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ के बीच सकारात्मक माहौल में बातचीत हुई। भारत अपनी शर्तो पर एक साल से बंद वार्ता जारी रखने में कामयाब रहा। इसकी झलक दोनों देशों के संयुक्त घोषणा पत्र में भी मिलती है। सबसे बड़ी कामयाबी ये कि घोषणा पत्र में कश्मीर का जिक्र तक नहीं हुआ। वार्ता आतंकवाद को रोकने पर ही केंद्रित रही। मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं पर कार्रवाई तेज करने को भी पाकिस्तान राजी हुआ। 15वें शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन शुरू होने से ऐन पहले शुक्रवार को मोदी और नवाज शरीफ के बीच 55 मिनट चली गहन वार्ता एक साल बाद हुई है। पिछले एक साल में यह दोनों नेताओं की तीसरी मुलाकात थी। पाक के खिलाफ अभी तक बेहद सख्त रवैया अपनाने वाले मोदी ने न सिर्फ पड़ोसी देश से वार्ता फिर शुरू करने का साहसिक कदम उठाया, बल्कि पांच सूत्रीय वार्ता का आधार भारत की चिंताओं को दूर करने पर केंद्रित रखा। आगे की वार्ता भी विभिन्न स्तरों पर इसी के इर्द- गिर्द जारी रहेगी। इसका ब्योरा वार्ता के बाद विदेश सचिव एस. जयशंकर और पाकिस्तानी विदेश सचिव अजीज अहमद चौधरी ने संयुक्त घोषणापत्र में दिया।
भारत-पाक घोषणापत्र के 5 बिंदु
1. >>नई दिल्ली में ही होगी एनएसए स्तर पर बातचीत
2. >>बीएसएफ-पाक रेंजर्स की डीजी स्तर पर शुरू होगी वार्ता
3. >>15 दिनों में एक-दूसरे के मछुआरे व नौकाएं छोड़ी जाएंगी
4. >>धार्मिक पर्यटन को एक-दूसरे के देश में बढ़ाने पर सहमति
5. >>पाक मुंबई हमले के दोषियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया तेज करने पर राजी, साजिशकर्ताओं की आवाज केनमूने सौंपे जाएंगे
4. भारत से समुद्री सहयोग बढ़ाना चाहता है चीन:- चीन ने हंिदू महासागर क्षेत्र में अपनी सक्रियता से चिंतित भारत और इस क्षेत्र के अन्य देशों के साथ समुद्री सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई है। चीनी विदेश मंत्रलय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने शुक्रवार को कहा कि हंिदू महासागर में शांति और स्थिरता लाने के लिए हम भारत व अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाना चाहते हैं। इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति से भारत के चिंतित होने पर एक सवाल के जवाब में चुनयिंग ने कहा कि हमने हाल में दक्षिण एशिया के कई देशों के साथ संबंध बेहतर किया है। स्वाभाविक है कि इस दौरान सैन्य मुद्दों पर भी संवाद बढ़ा है। इससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा का माहौल बनेगा। उन्होंने कहा कि चीन दक्षिण एशियाई देशों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए कृतसंकल्प है। हाल के वर्षो में भारत और चीन के संबंध मजबूत हुए हैं। चुनयिंग ने कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच गुरुवार को रूस में काफी रचनात्मक और मैत्रीपूर्ण भेंट हुई है। उल्लेखनीय है कि ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भाग लेने के लिए दोनों नेता रूस के उफा शहर में हैं।
5. पांच ब्रिटिश उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेज कर इसरो ने रचा इतिहास:- भारत ने अंतरिक्ष उड़ान के क्षेत्र में शुक्रवार रात इतिहास रच दिया। उसने उस ब्रिटेन के पांच उपग्रहों को एक साथ अंतरिक्ष में भेजने में कामयाबी हासिल की जो कभी उस पर राज करता था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन केंद्र से रॉकेट पीएसएलवी-सी 28 के जरिये 1,440 किलोग्राम वजनी पांच उपग्रहों को प्रक्षेपण के 20 मिनट के अंदर अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करने में कामयाबी हासिल कर ली। इससे पूर्व इन उपग्रहों का पीएसएलवी-सी28 से रात 9.58 बजे सफल प्रक्षेपण किया गया था। इसरो के इस व्यावसायिक मिशन को अब तक का सबसे वजनी अभियान बताया जा रहा है, जिसमें उसका पीएसएलवी रॉकेट पहली बार 1,440 किलो वजन के उपग्रहों को लेकर उड़ान भरने में कामयाब रहा। इसरो की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि 44.4 मीटर लंबे और 320 टन वजन वाले पीएसएलवी-सी 28 रॉकेट ने प्रक्षेपण के 20 मिनट के अंदर ही उपग्रहों को उनकी कक्षा में स्थापित कर दिया। इसरो के एक अधिकारी के अनुसार यह अब तक सबसे वजनी अभियान था, हालांकि पीएसएलवी-सी 28 की क्षमता 1,750 किलोग्राम वजन ढोने की है। पीएसएलवी का प्रक्षेपण सतीश धवन केंद्र के पहले लांच पैड से किया गया।
6. सुपरसोनिक ‘‘आकाश’ मिसाइल पण्राली वायुसेना में शामिल:- वायुसेना के बेड़े में आज सुपरसोनिक ‘‘आकाश’ मिसाइल को औपचारिक रूप से शामिल करते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि ‘‘आकाश’ मिसाइल पण्राली के द्वितीय चरण पर भी तेजी से काम चल रहा है। रक्षा मंत्री ने कहा कि लगभग अगले दो साल के भीतर ‘‘आकाश’ मिसाइल पण्राली-2 भी वायुसेना के बेड़े में शामिल हो जाएगी।एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया है कि शुक्रवार को वायुसेना के महाराजपुर एयरबेस पर आयोजित समारोह में रक्षामंत्री पर्रिकर ने वायुसेना अध्यक्ष अरूप राहा को प्रतीकात्मक रूप चाबी सौंपकर औपचारिक रूप से ‘‘आकाश’ मिसाइल पण्राली वायुसेना को समर्पित की। पर्रिकर ने कहा, ‘‘आकाश मिसाइल सिस्टम के द्वितीय चरण पर भी तेजी से काम चल रहा है और अगले लगभग दो साल के भीतर आकाश मिसाइल सिस्टम-2 भी वायुसेना के बेड़े में शामिल हो जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘‘स्वदेश में ही अत्याधुनिक और शक्तिशाली आकाश मिसाइल पण्राली तैयार करके भारत ने ‘‘मेक इन इंडिया’ की तरफ सफल कदम बढ़ाया है। स्वदेश में ही आकाश मिसाइल पण्राली का निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप का उत्कृष्ट उदाहरण है। सरकार, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों की भागीदारी से बहुत कम लागत में शक्तिशाली वायु रक्षा पण्राली का निर्माण एक अध्ययन का विषय भी है।’ पर्रिकर ने कहा, ‘‘इस मिसाइल के लगभग 95 प्रतिशत पुज्रे भारत में ही तैयार किये गये हैं। इस प्रकार ‘‘मेक इन इंडिया’ की लक्ष्य प्राप्ति में यह स्वदेशी वायु रक्षा पण्राली एक कड़ी के रूप में जुड़ी है।’
2. अप्रैल से स्थानीय मुद्रा में कर्ज देगा ब्रिक्स बैंक:- भारत सहित पांच ब्रिक्स देशों की ओर से गठित न्यू डेवलपमेंट बैंक(एनडीबी) या ब्रिक्स बैंक अगले साल अप्रैल से स्थानीय मुद्रा में कर्ज देना शुरू कर देगा। यह मुख्य रूप से सदस्य देशों की कर्ज जरूरतों पर फोकस करेगा। बैंकिंग जगत की जानी-मानी हस्ती व एनडीबी के प्रमुख केवी कामथ ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। कामथ ने बताया कि बैंक का संचालन मंडल अगले कुछ माह में अन्य देशों को सदस्य बनाने को लेकर फैसला कर लेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले साल अप्रैल से कर्ज देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। तब तक सभी सदस्य देशों के लिए परियोजनाओं की स्थिति भी तैयार की ली जाएगी। एनडीबी के सदस्य देशों-ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका को विकास के लिए भारी-भरकम संसाधनों की आवश्यकता है।
3. उफा में मिले मोदी और नवाज, दोनों देशों के बीच गतिरोध टूटा:- भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने लगी है। रूस के शहर उफा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ के बीच सकारात्मक माहौल में बातचीत हुई। भारत अपनी शर्तो पर एक साल से बंद वार्ता जारी रखने में कामयाब रहा। इसकी झलक दोनों देशों के संयुक्त घोषणा पत्र में भी मिलती है। सबसे बड़ी कामयाबी ये कि घोषणा पत्र में कश्मीर का जिक्र तक नहीं हुआ। वार्ता आतंकवाद को रोकने पर ही केंद्रित रही। मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं पर कार्रवाई तेज करने को भी पाकिस्तान राजी हुआ। 15वें शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन शुरू होने से ऐन पहले शुक्रवार को मोदी और नवाज शरीफ के बीच 55 मिनट चली गहन वार्ता एक साल बाद हुई है। पिछले एक साल में यह दोनों नेताओं की तीसरी मुलाकात थी। पाक के खिलाफ अभी तक बेहद सख्त रवैया अपनाने वाले मोदी ने न सिर्फ पड़ोसी देश से वार्ता फिर शुरू करने का साहसिक कदम उठाया, बल्कि पांच सूत्रीय वार्ता का आधार भारत की चिंताओं को दूर करने पर केंद्रित रखा। आगे की वार्ता भी विभिन्न स्तरों पर इसी के इर्द- गिर्द जारी रहेगी। इसका ब्योरा वार्ता के बाद विदेश सचिव एस. जयशंकर और पाकिस्तानी विदेश सचिव अजीज अहमद चौधरी ने संयुक्त घोषणापत्र में दिया।
भारत-पाक घोषणापत्र के 5 बिंदु
1. >>नई दिल्ली में ही होगी एनएसए स्तर पर बातचीत
2. >>बीएसएफ-पाक रेंजर्स की डीजी स्तर पर शुरू होगी वार्ता
3. >>15 दिनों में एक-दूसरे के मछुआरे व नौकाएं छोड़ी जाएंगी
4. >>धार्मिक पर्यटन को एक-दूसरे के देश में बढ़ाने पर सहमति
5. >>पाक मुंबई हमले के दोषियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया तेज करने पर राजी, साजिशकर्ताओं की आवाज केनमूने सौंपे जाएंगे
4. भारत से समुद्री सहयोग बढ़ाना चाहता है चीन:- चीन ने हंिदू महासागर क्षेत्र में अपनी सक्रियता से चिंतित भारत और इस क्षेत्र के अन्य देशों के साथ समुद्री सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई है। चीनी विदेश मंत्रलय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने शुक्रवार को कहा कि हंिदू महासागर में शांति और स्थिरता लाने के लिए हम भारत व अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाना चाहते हैं। इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति से भारत के चिंतित होने पर एक सवाल के जवाब में चुनयिंग ने कहा कि हमने हाल में दक्षिण एशिया के कई देशों के साथ संबंध बेहतर किया है। स्वाभाविक है कि इस दौरान सैन्य मुद्दों पर भी संवाद बढ़ा है। इससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा का माहौल बनेगा। उन्होंने कहा कि चीन दक्षिण एशियाई देशों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए कृतसंकल्प है। हाल के वर्षो में भारत और चीन के संबंध मजबूत हुए हैं। चुनयिंग ने कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच गुरुवार को रूस में काफी रचनात्मक और मैत्रीपूर्ण भेंट हुई है। उल्लेखनीय है कि ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भाग लेने के लिए दोनों नेता रूस के उफा शहर में हैं।
5. पांच ब्रिटिश उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेज कर इसरो ने रचा इतिहास:- भारत ने अंतरिक्ष उड़ान के क्षेत्र में शुक्रवार रात इतिहास रच दिया। उसने उस ब्रिटेन के पांच उपग्रहों को एक साथ अंतरिक्ष में भेजने में कामयाबी हासिल की जो कभी उस पर राज करता था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन केंद्र से रॉकेट पीएसएलवी-सी 28 के जरिये 1,440 किलोग्राम वजनी पांच उपग्रहों को प्रक्षेपण के 20 मिनट के अंदर अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करने में कामयाबी हासिल कर ली। इससे पूर्व इन उपग्रहों का पीएसएलवी-सी28 से रात 9.58 बजे सफल प्रक्षेपण किया गया था। इसरो के इस व्यावसायिक मिशन को अब तक का सबसे वजनी अभियान बताया जा रहा है, जिसमें उसका पीएसएलवी रॉकेट पहली बार 1,440 किलो वजन के उपग्रहों को लेकर उड़ान भरने में कामयाब रहा। इसरो की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि 44.4 मीटर लंबे और 320 टन वजन वाले पीएसएलवी-सी 28 रॉकेट ने प्रक्षेपण के 20 मिनट के अंदर ही उपग्रहों को उनकी कक्षा में स्थापित कर दिया। इसरो के एक अधिकारी के अनुसार यह अब तक सबसे वजनी अभियान था, हालांकि पीएसएलवी-सी 28 की क्षमता 1,750 किलोग्राम वजन ढोने की है। पीएसएलवी का प्रक्षेपण सतीश धवन केंद्र के पहले लांच पैड से किया गया।
6. सुपरसोनिक ‘‘आकाश’ मिसाइल पण्राली वायुसेना में शामिल:- वायुसेना के बेड़े में आज सुपरसोनिक ‘‘आकाश’ मिसाइल को औपचारिक रूप से शामिल करते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि ‘‘आकाश’ मिसाइल पण्राली के द्वितीय चरण पर भी तेजी से काम चल रहा है। रक्षा मंत्री ने कहा कि लगभग अगले दो साल के भीतर ‘‘आकाश’ मिसाइल पण्राली-2 भी वायुसेना के बेड़े में शामिल हो जाएगी।एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया है कि शुक्रवार को वायुसेना के महाराजपुर एयरबेस पर आयोजित समारोह में रक्षामंत्री पर्रिकर ने वायुसेना अध्यक्ष अरूप राहा को प्रतीकात्मक रूप चाबी सौंपकर औपचारिक रूप से ‘‘आकाश’ मिसाइल पण्राली वायुसेना को समर्पित की। पर्रिकर ने कहा, ‘‘आकाश मिसाइल सिस्टम के द्वितीय चरण पर भी तेजी से काम चल रहा है और अगले लगभग दो साल के भीतर आकाश मिसाइल सिस्टम-2 भी वायुसेना के बेड़े में शामिल हो जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘‘स्वदेश में ही अत्याधुनिक और शक्तिशाली आकाश मिसाइल पण्राली तैयार करके भारत ने ‘‘मेक इन इंडिया’ की तरफ सफल कदम बढ़ाया है। स्वदेश में ही आकाश मिसाइल पण्राली का निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप का उत्कृष्ट उदाहरण है। सरकार, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों की भागीदारी से बहुत कम लागत में शक्तिशाली वायु रक्षा पण्राली का निर्माण एक अध्ययन का विषय भी है।’ पर्रिकर ने कहा, ‘‘इस मिसाइल के लगभग 95 प्रतिशत पुज्रे भारत में ही तैयार किये गये हैं। इस प्रकार ‘‘मेक इन इंडिया’ की लक्ष्य प्राप्ति में यह स्वदेशी वायु रक्षा पण्राली एक कड़ी के रूप में जुड़ी है।’